नई दिल्ली. आखिरकार रूस ने अपने लूनर मिशन (Lunar Mission) लूना-25 (Luna-25) की लॉन्चिंग कर दी है। देखा जाए तो 1976 के बाद रूस ने अब चंद्रमा पर यान भेजा है। इसे अमूर ओब्लास्ट के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लॉन्च किया गया है। जो मॉस्को से करीब 5,550 किमी पूर्व में स्थित बताई जा रही है।
रूस के इस ख़ास यान को सोयुज 2.1बी रॉकेट की मदद से लॉन्च किया गया है। यह रॉकेट करीब 46.3 मीटर लंबा है। वहीं इसका व्यास (डायमीटर) 10.3 मीटर है। इसका वजन 313 टन है। चार स्टेज के इस रॉकेट ने लूना-25 लैंडर को धरती के बाहर एक गोलाकार ऑर्बिट में छोड़ दिया है।
भारत के #Chandrayaan3 बाद रूस ने भी 47 वर्षों के बाद चांद पर भेजा #Luna25 उपग्रह pic.twitter.com/CARGKShrBx
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) August 11, 2023
वहीं मामले पर रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के मुताबिक, लूना-25 चांद की ओर निकल गया है। यह 5 दिन तक चांद की तरफ बढ़ता रहेगा। इसके बाद यह उसकी ऑर्बिट में 7-10 दिन चक्कर लगाएगा। खबर है कि, यह 21 या 22 अगस्त को यह चांद की सतह पर उतर सकता है।
पता हो कि, लूना- 25 में रोवर और लैंडर हैं। यह चार पैरों वाला लैंडर 800 किलोग्राम वजनी है। खबर है कि, लूना-25 सॉफ्ट लैंडिंग की प्रैक्टिस करेगा। यह चांद की मिट्टी के नमूने लेने और उनका एनालिसिस करने का भी काम करेगा। साथ ही चांद के सतह में लंबे समय तक चलने वाले अपने ख़ास रिसर्च करेगा।
वैसे जानकारी के अनुसार रूस की योजना इसे चंद्रमा के साउथ पोल पर उतारने की है। दरअसल चांद के इस पोल पर ही पानी मिलने की संभावना है। बताते चलें की भारत ने बीते 14 जुलाई को चंद्रयान-3 लॉन्च किया है। यह भी आगामी 23 अगस्त को चांद पर लैंड करेगा।