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नई दिल्ली: एक बड़ी खबर के अनुसार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) जल्द ही भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए परीक्षण उड़ानों की एक श्रृंखला शुरू करेगा। इस बाबत ISRO ने कहा कि, गगनयान मिशन के लिए मानवरहित उड़ान परीक्षण जल्द ही शुरू होगा।

आज इस बाबत ISRO ने जानकारी देते हुए बताया कि, ISRO गगनयान मिशन के लिए मानवरहित उड़ान परीक्षण शुरू करेगा। क्रू एस्केप सिस्टम के प्रदर्शन को प्रदर्शित करने वाले फ्लाइट टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन-1 (टीवी-डी1) की तैयारी भी चल रही है।

वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी महीने अक्टूबर के अंत तक टेस्ट फ्लाइट भेजी जा सकती है। जानकारी दें कि क्रू एस्केप सिस्टम का मतलब है कि मिशन के दौरान अगर कोई परेशानी आती है तो रॉकेट में मौजूद एस्ट्रोनॉट पृथ्वी पर सुरक्षित रूप से पहुंच सकेंगे। 

वहीं इस बाबत ISRO वैज्ञानिक और IISU यानी इसरो इनर्शियल सिसटम्स यूनिट के डायरेक्टर पद्म कुमार ने बताया किक्रू एस्केप सिस्टम क्रू को रॉकेट से दूर ले जाएगा। इस सिस्टम की टेस्टिंग के लिए टेस्ट व्हीकल तैयार किया गया है।

जानकारी दें कि ISRO के इस ख़ास मिशन की प्रमुख चुनौतियों में से गगनयान परियोजना में चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण पहलू होने वाली है। दूसरा है इस एकीकृत वाहन स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली।

 इसके पहले बीते बीते जून 2023 को ISRO के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने जानकारी दी थी कि, मिशन के लिए परीक्षण वाहन श्रीहरिकोटा में तैयार है और चालक दल (क्रू) मॉड्यूल और क्रू ‘एस्केप सिस्टम’ के संयोजन का कार्य भी शुरू हो गया है।   

उन्होंने तब यह भी कहा था कि, परियोजना के हिस्से के रूप में ‘कक्षा में मानव रहित मिशन’अगले साल की शुरुआत में होगा। साथ ही उनका कहना  था कि, “अगले वर्ष की शुरुआत में हमारे पास कक्षा में मानवरहित मिशन होगा और वहां से इसे सुरक्षित वापस लाया जाना है, जो तीसरा मिशन होगा। फिलहाल हमने ये तीन मिशन निर्धारित किए हैं।” 

सोमनाथ ने तब यह भी साफ़ कहा था कि, “गगनयान परियोजना में चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। साथ ही आपको ऐसी प्रणालियों को विकसित करने के साथ-साथ परीक्षण करने की भी आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारा चालक दल बिना किसी संदेह के काम कर सके । इसलिए गगनयान कार्यक्रम में, हम यह जाने बिना अंतिम मिशन में नहीं जाएंगे कि हम इसके लिए कितने तैयार हैं।” हालांकि अब ISRO की मानें तो  गगनयान मिशन के लिए मानवरहित उड़ान परीक्षण जल्द ही शुरू होने को है।





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