Picture-Twitter-@isro

नई दिल्ली: जैसा कि हम सब जानते है देश की शान बढ़ाने वाला चंद्रयान-3 का प्रज्ञान रोवर चांद पर है। जी हां विक्रम लैंडर और चंद्रयान-3 का प्रज्ञान रोवर फिलहाल चंद्रमा की सतह पर स्लीप मोड में हैं। आपको बता दें कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर 14 दिनों की खोज के बाद, इसरो वैज्ञानिकों ने सूर्यास्त के बाद दोनों उपकरणों को बंद कर दिया, लेकिन अब इसरो की ओर से कहा गया है कि सूर्योदय के बाद इन्हें फिर से सक्रिय करने की कोशिश की जाएगी, ऐसा । इस बीच चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की अंधेरे में चंद्रमा की सतह की तस्वीरें सामने आई हैं जो हैरान करने वाली हैं। आइए जानते है उन तस्वीरों के बारे में… 

रात में चंद्रयान-3 लैंडर की अद्भुत तस्वीरें

दरअसल 5 सितंबर, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रात थी, जहां चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर उतरा था। जानकारी के लिए आपको बता दें कि रात के अंधेरे में चंद्रयान-3 के लैंडर की निगरानी के लिए चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर लॉन्च किया गया था। ऑर्बिटर पर लगे एक विशेष कैमरे ने रात के अंधेरे में चंद्रयान-3 के लैंडर की तस्वीरें खींची, जिसमें वह पीली रोशनी से चमकता हुआ दिखा, मानों कोई सितारा चमक रहा हो। 

 

इसरो ने जारी की तस्वीरें

इस बीच, 6 सितंबर, 2023 को विक्रम लैंडर की तस्वीर ली गई। इस अद्भुत तस्वीर में चंद्रमा की सतह को नीले, हरे और गहरे काले रंग में दिखाया गया है। इस बीच, विक्रम लैंडर एक पीले घेरे में दिखाई दे रहा है, पीली रोशनी हम आसानी से चारों ओर देख सकते हैं। दरअसल यहां तीन तस्वीरें हैं। बाईं ओर की पहली ऊर्ध्वाधर तस्वीर में, वह क्षेत्र जहां लैंडर उतरा था, एक बड़े पीले वर्गाकार बॉक्स में दिखाया गया है। इसरो ने ये तस्वीरें जारी की हैं। 

DFSAR लेता है रात के अंधेरे 

आपको बता दें कि DFSAR एक विशेष उपकरण है, जो रात के अंधेरे में हाई रेजोल्यूशन पोलारिमेट्रिक मोड में तस्वीरें लेता है। यानी, यह अंधेरे में धातुओं द्वारा उत्सर्जित गर्मी और प्रकाश के छायाचित्र को पकड़ लेता है। चाहे वह प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली धातु हो या मानव निर्मित धातु की वस्तु, उसे कैमरे में कैद कर लिया जाता है। 





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