मुंबई: केंद्रीय सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज देश का पहला और खुद का कार क्रैश टेस्ट प्रोग्राम को आधिकारिक तौर पर लॉन्च कर दिया है। इवेंट के दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि, ‘Bharat NCAP को ग्लोबल लेवल पर लेकर जाना हमारा लक्ष्य है।’

उन्होंने इस प्रोग्राम को लॉन्च करते हुए कहा कि, ‘ये देश के लिए ऐतिहासिक पहल है कि अब हमारे पास खुद का कार क्रैश टेस्ट प्रोग्राम होगा। इसके तहत भारत में बनने वाली कार का क्रैश टेस्ट किया जाएगा। ये प्रोग्राम 1 अक्टूबर 2023 से लागू हो जाएगा। इससे पहले विदेशी एजेंसी ग्लोबल एनकैप और लैटिन एनकैप अपने स्टैंडर्ड मानक के अनुसार भारतीय कारों का टेस्ट कर उन्हें सेफ्टी रेटिंग देती थी। लेकिन अब यह काम अपने देश में ही होगा और देश में ही गाड़ियों की टेस्टिंग की जाएगी और उनको रेटिंग भी दी जाएगी।’

लॉन्चिंग इवेंट में नितिन गडकरी ने कहा कि, ‘विदेशों में रेटिंग के लिए 2.5 करोड़ खर्च होता है और जो हमारे यहां मात्र ₹65 लाख है। Bharat NCAP:को ऑटो मैन्युफैक्चरिंग की सारी कंपनियों ने सपोर्ट देने का वादा किया है। जिसमें महेंद्रा एंड महेंद्रा और टाटा ऑटो भी शामिल हैं। बता दें कि चीन और अमेरिका के बाद भारत ऑटो सेक्टर में तीसरा स्थान रखता है। ऑटोमोबाइल सेक्टर में ग्रोथ 20.25 फीसदी है।

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Bharat NCAP टेस्ट में सेफ्टी रेटिंग 0 से 5 के बीच दी जाती है। जिसमें 0 स्टार का मतलब कार अनसेफ होती है। दुर्घटना के समय में आप इन कार के बदौलत बच नहीं सकते हैं। वहीं बात फाइव स्टार रेटिंग वाली कार की करें, तो जिन कारों को फाइव स्टार रेटिंग मिलती है, वह सबसे सेफ कार में से एक मानी जाती हैं। अच्छी सेफ्टी के कारण भारतीय कारों को वैश्विक बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा करने में मदद कर सकते हैं और भारतीय कार निर्माताओं की निर्यात क्षमता को बढ़ा सकते हैं।





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