नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को आदित्य-एल1 मिशन पर अपडेट जारी किया है। इसरो (ISRO) ने बताया कि आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक बचकर पृथ्वी से 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है।
इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “अंतरिक्ष यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक बचकर पृथ्वी से 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है। अब यह सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज प्वाइंट 1 (L1) की ओर अपना मार्ग तय कर रहा है। यह लगातार दूसरी बार है जब इसरो किसी अंतरिक्ष यान को पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर भेज सका है। पहली बार मार्स ऑर्बिटर मिशन (मंगलयान) ऐसा था जिसे पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर भेजा जा सका था।”
Aditya-L1 Mission | “The spacecraft has travelled past a distance of 9.2 lakh kilometres from Earth, efficiently escaping the sphere of Earth’s affect. It’s now navigating its path in direction of the Solar-Earth Lagrange Level 1 (L1). That is the second time in succession that ISRO… pic.twitter.com/3lNX8lo40k
— ANI (@ANI) September 30, 2023
गौरतलब है कि इसरो ने देश के पहले सूर्य मिशन के तहत ‘Aditya-L1’ यान को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी)-सी57 के जरिये दो सितंबर को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था। ‘Aditya-L1’ सात पेलोड लेकर गया है, जिनमें से चार सूर्य के प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और शेष तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के इन-सीटू मापदंडों को मापेंगे।
‘Aditya-L1’ के लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर लैग्रेंजियन बिंदु ‘L1′ के आसपास ‘हेलो’ कक्षा में स्थापित होने की उम्मीद है, जिसे सूर्य के सबसे करीब माना जाता है। यह सूर्य के चारों ओर उसी सापेक्ष स्थिति में चक्कर लगाएगा और इसलिए यह लगातार सूर्य को देख सकता है।