नई दिल्ली. एक बड़ी खबर के अनुसार, ISRO ने आदित्य L1 स्पेसक्राफ्ट (Aditya L1 Spacecraft) को रात करीब 2 बजे ट्रांस-लैग्रेंजियन पॉइंट 1 में इंसर्ट किया है। वहीं इसके लिए यान के थ्रस्टर कुछ देर के लिए फायर किए गए हैं। जानकारी दें कि, ट्रांस-लैग्रेंजियन पॉइंट 1 इंसर्टेशन यानी यान को पृथ्वी की कक्षा से लैग्रेंजियन पॉइंट 1 की तरफ भेजना होता है। यहां से अब यह स्पेसक्राफ्ट अपना 15 लाख किलोमीटर का सफर शुरू करेगा। वहीं अब ये 110 दिन बाद यानी जनवरी 2024 में लैग्रेंजियन पॉइंट 1 पर पहुंचेगा।
जानकारी दें कि, आदित्य L1 को बीते 2 सितंबर को सुबह 11.50 बजे PSLV-C57 के XL वर्जन रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से स्पेस में लॉन्च किया गया था। वहीं इस शानदार लॉन्चिंग के मात्र 63 मिनट 19 सेकेंड बाद स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी की 235 Km x 19500 Km की कक्षा में स्थापित कर दिया गया था। इसके बाद 4 बार स्पेसक्राप्ट के थ्रस्टर फायर की मदद से उसकी ऑर्बिट बढ़ाई गई थी।
Aditya-L1 Mission:
Off to Solar-Earth L1 level!The Trans-Lagrangean Level 1 Insertion (TL1I) maneuvre is carried out efficiently.
The spacecraft is now on a trajectory that can take it to the Solar-Earth L1 level. It will likely be injected into an orbit round L1 via a maneuver… pic.twitter.com/H7GoY0R44I
— ISRO (@isro) September 18, 2023
क्या है लैग्रेंजियन पॉइंट
आपको बता दें कि, वैज्ञानिकों के अनुसार , पृथ्वी और सूर्य के बीच पांच ‘लैग्रेंजियन’ बिंदु (या पार्किंग क्षेत्र) हैं, जहां पहुंचने पर कोई वस्तु वहीं रुक जाती है। लैग्रेंज बिंदुओं का नाम इतालवी-फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफ-लुई लैग्रेंज के नाम पर पुरस्कार प्राप्त करने वाले उनके अनुसंधान पत्र-‘एस्से सुर ले प्रोब्लेम डेस ट्रोइस कॉर्प्स, 1772 के लिए रखा गया है।लैग्रेंज बिंदु पर सूर्य और पृथ्वी के बीच गुरुत्वाकर्षण बल संतुलित होता है, जिससे किसी उपग्रह को इस बिंदु पर रोकने में आसानी होती है।
आदित्य L1 अब कर रहा साइंटिफिक डेटा कलेक्ट
गौरतलब है कि, इससे पहले बीते सोमवार को ISRO ने बताया था कि आदित्य L1 ने साइंटिफिक डेटा कलेक्ट करना शुरू कर दिया है। वहीं स्पेसक्राफ्ट पर लगे सुप्रा थर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर यानी STEPS इंस्ट्रूमेंट को बीते 10 सिंतबर को पृथ्वी से 50,000 किलोमीटर दूर एक्टिवेट किया गया था। डेटा की मदद से अब सूर्य पर उठने वाले तूफान और अंतरिक्ष के मौसम के बारे में भी जानकारी मिला करेगी।
STEPS में कुल 6 सेंसर
बताते चलें कि, STEPS इंस्ट्रूमेंट आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट यानी ASPEX पेलोड का हिस्सा है। STEPS में कुल 6 सेंसर लगे हैं। ये हर एक सेंसर अलग-अलग दिशाओं में निरीक्षण करता है और 1 MeV से अधिक के इलेक्ट्रॉनों के अलावा, 20 keV/न्यूक्लियॉन से लेकर 5 MeV/न्यूक्लियॉन तक के सुप्रा-थर्मल और एनर्जेटिक आयन्स को भी मापता है।
आदित्य में 7 पेलोड
यह भी बताते चलें कि, आदित्य L1 मिशन के साथ जो जरुरी 7 इक्विपमेंट्स गए हैं, उनके नाम हैं- विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC), सोलर अल्ट्रा-वॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप (SUIT), आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX), प्लाजमा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA), सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्टोमीटर (SoLEXS), हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्टोमीटर (HEL1OS) और मैग्नेटोमीटर पेलोड। ये सभी सूरज के रिसर्च में बड़ा योगदान देंगे।