वैसे ही मुश्किल में फंसी जजपा और दुष्यंत पर चस्पा यह आरोप उनकी चुनावी राह में और भारी पड़ने वाला है, यह बात जजपा नेताओं को बखूबी मालूम है। जो बात पहले दबी जुबान हो रही थी, वह खुले मंच से बोल दी गई है। लिहाजा, अगले दिन ही चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में जजपा के प्रधान महासचिव और दुष्यंत चौटाला के छोटे भाई दिग्विजय चौटाला मीडिया के सामने आ गए। दिग्विजय ने बीरेंद्र सिंह से आरोपों के सबूत सामने रखने के लिए कहा। ऐसा न करने पर मानहानि केस करने की धमकी दे दी।
दरअसल, चौधरी बीरेंद्र सिंह और चौटाला परिवार की अदावत कई दशक पुरानी है। जींद चौधरी बीरेंद्र सिंह की राजनीतिक कर्मभूमि है। हिसार से उनके बेटे आईएएस अधिकारी रहे बृजेंद्र सिंह बीजेपी से सांसद हैं। बीरेंद्र सिंह और चौटाला परिवार का पांच बार मुकाबला हुआ है। तीन बार बीरेंद्र सिंह का परिवार जीता है जबकि दो बार चौटाला परिवार।
जींद की उचाना कलां विधानसभा सीट बीरेंद्र सिंह की पैतृक सीट है। यहां से वे पांच बार 1977, 1982, 1991, 1996 और 2005 में विधायक चुने गए हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता ने बीजेपी के टिकट पर दुष्यंत को जींद की उचाना में हराया था। तब दुष्यंत इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़े थे। फिर 2019 में दुष्यंत ने प्रेमलता को हरा दिया।