कुंडू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बिजली के नाम पर बड़ी लूट मचाई है। स्पीड मीटर लगाने से बिल बहुत ज्यादा आने लगे हैं। यह बहुत गलत हो रहा है। इन सभी चीजों को देखकर हमने नई पार्टी के गठन का निर्णय लिया। प्रदेश की मौजूदा सरकार ने पिछले नौ वर्षों में कुछ भी उल्लेखनीय नहीं किया, बल्कि अपराध पहले से दोगुने हो गए हैं। सूबे में कांग्रेस की पिछली सरकार से तुलना की जाए तो पांच गुना कर्ज, चार गुना महंगाई और तीन गुना बेरोजगारी बढ़ गई है। आशा कार्यकर्ता, कार्य अनुदेशक, क्लर्क सब तो धरने पर बैठे हैं, जिनका कोई हाल पूछने वाला नहीं है। मौजूदा सरकार अपनी जवाबदेही से बच रही है, इसीलिए विधानसभा सत्र से पहले विपक्ष द्वारा उठाई गई तमाम मांगों और प्रस्तावों पर सदन में चर्चा से इनकार कर दिया। इनमें आशा वर्करों का मानदेय, किसानों को मुआवजा, कच्चे कर्मचारियों की सुरक्षा, सरपंचों, पंचों, जिला पार्षदों, कॉन्ट्रैक्ट टीचर एसोसिएशन, व्यापारियों, खिलाड़ियों, दलित व पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधियों आदि की मांगें भी शामिल थीं, जिन पर ध्यान ही नहीं दिया गया।



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