हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विरोधी दल भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज खट्टर सरकार के रवैये पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि बीजेपी के 9 साल के कार्यकाल में कांग्रेस कार्यकाल के मुकाबले 5 गुना कर्जा, 4 गुना महंगाई, 3 गुना बेरोजगारी और 2 गुना अपराध बढ़ा है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के पूरे मानसून सत्र में सरकार हर उस मसले से भागती नजर आई, जिस पर चर्चा जरूरी थी। नूंह में हुई हिंसा से लेकर कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट से जुड़े सवाल इतने आवश्यक थे कि जनता इनके जवाब चाहती थी। यहां तक कि प्रदेश के अहम मसलों पर भी कोई बात न हो सके इसके लिए सरकार ने सत्र की अवधि को ही तहज 3 दिन का कर दिया।
हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र की समाप्ति पर आज चंडीगढ़ में भूपेंद्र सिंह हुड्डा मीडिया के सामने आए और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सराकर पर गंभीर सवाल उठाए। हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार पूरे सत्र में अपनी जवाबदेही से भागती नजर आई। विधानसभा सत्र से पहले कर्मचारियों ने ओपीएस की मांग को लेकर, आशा वर्करों ने मानदेय बढ़ाने, किसान यूनियनों ने मुआवजे, कच्चे कर्मचारियों ने रोजगार सुरक्षा, सरपंचों, पंचों, जिला पार्षदों, कॉन्ट्रेक्ट टीचर एसोसिएशन, कच्चे कर्मचारियों, आउटसोर्स पार्ट 2 कर्मियों, व्यापारियों, खिलाड़ियों, दलित व पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधियों ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपे थे। उनके तमाम मसलों पर चर्चा के लिए कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में प्रस्ताव दिए और सवाल लगाए थे। लेकिन सरकार ने ज्यादातर प्रस्तावों और सवालों का जवाब देने से इंकार कर दिया। अपनी जवाबदेही से भागने के लिए ही सरकार ने जानबूझकर विधानसभा सत्र की अवधि को छोटा रखा।