तीतर सिंह ने दस बार लोकसभा चुनाव, दस बार विधानसभा चुनाव लड़ा है और वह 11 बार जिला परिषद अध्यक्ष और सरपंच और वार्ड सदस्यता चुनाव में खड़े हुए हैं। उनके हलफनामे के अनुसार, वर्तमान में वह 78 वर्ष के हैं, उनकी तीन बेटियां, दो बेटे और पोते-पोतियां हैं। उनके खाते में 2500 रुपये जमा हैं लेकिन न जमीन है, न गाड़ी, न घोड़े।

तीतर सिंह पूरे साल मेहनत करते हैं लेकिन चुनाव के दौरान उनकी जिंदगी बदल जाती है और वह घर-घर जाकर प्रचार करते हैं और वोट मांगते हैं। दुख की बात है कि हर बार चुनाव हारने पर उनकी जमानत जब्त हो जाती है, क्योंकि अधिकारियों का कहना है कि उन्हें कभी भी 1,000 से अधिक वोट नहीं मिले हैं।



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