मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कल (15 नवंबर 2023) को विधासभा चुनाव के लिए प्रचार का शोर थम गया। कल यानी 17 नवंबर को दोनों राज्यों में नई विधानसभा के लिए वोट डाले जाएंगे।
लेकिन, प्रचार खत्म होने के चंद मिनट बाद ही प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की। यह प्रेस नोट शाम 6.12 मिनट पर जारी किया गया।
इसमें कहा गया, “केंद्र सरकार, देश में गरीब लाभार्थियों के वित्तीय बोझ को कम करने और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2013) की राष्ट्रव्यापी एकरूपता एवं प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 1 जनवरी 2023 से प्रारंभ होने वाली एक वर्ष की अवधि के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के माध्यम से अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के परिवारों और प्राथमिकता वाले परिवारों (पीएचएच) से आने वाले लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है।”
यहां सवाल उठता है कि आखिर पीआईबी ऐसी किसी योजना के बारे में लोगों को क्यों याद दिला रही है जो बीते 11 महीने से जारी है? और, वह भी तब जब सिर्फ एक महने में यह योजना खत्म होने वाली है? क्या इसका मकसद सिर्फ लोगों को इस योजना की याद दिलाना भर था?
ऐसे में किसी भी सांसद के मन में सवाल उठेगा कि आखिर इस प्रेस रिलीज में उस बात की बिल्कुल भी जिक्र क्यों नहीं है जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने की थी। आखिर हो क्या रहा है? पीआईबी के प्रेस नोट में प्रधानमंत्री की घोषणा का जिक्र तक क्यों नहीं किया गया है।?”