राज्य में वोटिंग के बाद कुछ एग्जिट पोल्स में त्रिशंकु विधानसभा की संभावना जताते हुए जेडीएस के किंगमेकर बनने का दावा किया गया था, लेकिन आज मतगणना में कांग्रेस बहुमत के आंकड़े को पार करते हुए 137 सीट तक पहुंच गई है। ऐसे जेडीएस का पूरा सपना चकनाचूर हो गया है।

कर्नाटक में किंगमेकर बनने का JDS का सपना चूर हुआ
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कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजो में किंगमेकर बन कर उभरने का पूर्व पीएम एच.डी. देवेगौड़ा की पार्टी जेडीएस का सपना चकनाचूर हो गया है। चुनाव नतीजों में किंगमेकर बनना तो दूर देवेगौड़ा परिवार की साख भी मुश्किल से बच पाई है। देवेगौड़ा के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारास्वामी ने चन्नापटना में बीजेपी के सी.पी. योगेश्वर के खिलाफ किसी तरह जीतकर अपनी सीट तो बचा ली, लेकिन उनके बेटे निखिल कुमारस्वामी चुनाव हार गए हैं।

देवेगौड़ा के पोते और जेडीएस उम्मीदवार निखिल कुमारस्वामी परिवार की सुरक्षित मानी जाने वाली  रामनगर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार एच.ए. इकबाल हुसैन से बुरी तरह से हार गए हैं। हुसैन को 72,898 वोट मिले, जबकि कुमारस्वामी को 61,692 वोट मिले। वहीं यहां से बीजेपी प्रत्याशी गौतम गौड़ा को केवल 10,870 वोट ही मिल पाए। कुमारस्वामी की यह दूसरी हार है। निखिल से पहले उनकी मां अनीता कुमारस्वामी इस सीट का प्रतिनिधित्व करती थीं।

कर्नाटक चुनाव नतीजों की बात करें तो अब तक के परिणाम में जेडीएस को 19 सीटों पर जीत मिली है, जबकि अभी एक सीट पर वह आगे चल रही है। साल 2018 के चुनाव परिणाम के मुकाबले जेडीएस को इस बार 17 सीटों को भारी नुकसान हुआ है। पिछली बार 37 सीटें हासिल करने वाली जेडीएस ने छोटी पार्टी होने के बावजूद मुख्यमंत्री पद देने के लिए कांग्रेस को मजबूर किया था।

चुनाव परिणाम से एक दिन पहले तक जेडीएस को एक बार फिर 2018 के परिणाम दोहराने की उम्मीद थी, जिससे वह किंगमेकर बनकर उभरती। कर्नाटक में वोटिंग के बाद आए कुछ एग्जिट पोल्स में भी राज्य में त्रिशंकु विधानसभा आने की संभावना जताई गई थी और जेडीएस के किंगमेकर बनने का दावा किया गया था, लेकिन आज मतों की गिनती के बाद कांग्रेस बहुमत के आंकड़े को पपार करते हुए 137 सीट तक पहुंच गई है। ऐसे जेडीएस का पूरा सपना चकनाचूर हो गया है।




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