ओम प्रकाश राजभर ने तो यहां तक कह दिया कि मौर्य, पटेल, लोध, कोरी और निषाद सहित प्रमुख ओबीसी जातियां और राजपूत, ब्राह्मणों सहित सभी उच्च जातियां बीजेपी के साथ थीं और ये जातियां भविष्य के किसी भी चुनाव में समाजवादी पार्टी का समर्थन नहीं करेंगी। राजभर की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब बीजेपी और एसपी ओबीसी और दलित वोटों को लेकर एक-दूसरे पर हमलावर हैं।
राजभर ने योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा हाल में पेश वार्षिक बजट की भी सराहना की और इसे गरीब समर्थक करार दिया। लेकिन बीजेपी ने अभी भी उनके प्रस्तावों का जवाब नहीं दिया है। जैसा कि बीजेपी के एक पदाधिकारी ने कहा, ओम प्रकाश राजभर एक अवसरवादी सहयोगी साबित हुए हैं। उनके बयान संयमित नहीं हैं। हम जानते हैं कि वह अपने बेटे अरविंद राजभर के लिए यूपी विधान परिषद में सीट चाहते हैं, लेकिन बीजेपी इस तरह के किसी सौदे के लिए तैयार नहीं है। इसके अलावा, एक अविश्वसनीय सहयोगी कौन चाहता है?