‘मिर्जापुर’, ‘गली बॉय’, ‘पिंक’, ‘बागी 3’, ‘मंटो’ से लेकर ‘ए सूटेबल बॉय’ तक ‘दहाड़’ मराने वाले विजय वर्मा अपने हालिया ओटीटी प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा में हैं। रीमा कागती और जोया अख्तर की वेब सीरीज ‘दहाड़’ में विजय वर्मा ने सीरियल किलर बनकर हर किसी को भौचक्का कर दिया है। सीरीज में 28 लड़कियों को मौत के घाट उतराने वाले खूंखार किरदार को विजय वर्मा ने कैसे निभाया? कैसे वह पिता से छुप-छुपकर थिएटर करने लगे? किस फिल्म को वह अपने करियर का टर्निंग प्वाइंट मानते हैं? इन सब सवालों पर विजय वर्मा ने नवभारत टाइम्स के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में फुर्सत से जवाब दिए। उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ अपने फनी किस्से को शेयर किया तो उन दोस्तों को भी याद किया, जिनसे वह बिजी होने के चलते बात नहीं कर पाते हैं। पढ़िए विजय वर्मा के साथ हुई इस खास बातचीत के प्रमुख अंश।

Table of Contents

‘दहाड़’ की गूंज दूर तलक गई है… कैसा लग रहा है ये देखकर?

– मुझे बहुत अच्छा लग रहा है तारीफ सुनकर। मैं तो गदगद हो रहा हूं। हम लोगों ने एक अच्छी चीज बनाने की कोशिश की। अब लोगों को ये काम पसंद आ रहा है। चारों ओर इसकी बातचीत हो रही है तो ये देखकर अच्छा लगता है कि आपकी मेहनत रंग लाई।

वेब सीरीज में आफ खूंखार अंदाज में नजर आए हैं, असल जिंदगी में आपका नेचर कैसा है?

vijay varma

मुस्कुराते हुए विजय वर्मा ने कहा, ‘असल जिंदगी में तो मैं सीरियल किलर नहीं हूं। रियल लाइफ से तो ये शो बहुत ही ज्यादा दूर है। यही वजह है कि ये शो मुझे बहुत अट्रैक्ट करने में कामयाब हुआ है। असल जिंदगी में तो फिलहाल में यहां मां, बहन, तीन भांजियों और भांजे के साथ बैठकर नाश्ता कर रहा हूं। सबको कहा कि शोर मत करना। मैं इंटरव्यू दे रहा हूं। तो कुल मिलाकर बस ऐसा ही हूं मैं असल जिंदगी मैं।’

‘डार्लिंग’ में पहले खड़ूस पति और अब सीरियल किलर…फैमिली का कैसा होता है रिएक्शन?

vijay varma

सीरियल किलर के रूप में देखकर मेरी मां ने तो मुझे कहा कि आखिर तुझे क्या हो गया है। तू ऐसे रोल क्यों कर रहा है। हालांकि मेरी फैमिली को पता है कि मुझ में एक्टिंग का कीड़ा है। स्कूल समय से ही मुझे एक्टिंग का शौक है। यही वजह है कि वो जानते हैं कि मैंने बहुत लंबे समय से इस एक्टिंग का सपना देखा हैं और अब इसे जी रहा हूं। फैमिली को गर्व होता है कि मैं जो करना चाहता था वो कर रहा हूं।

मुझसे ज्यादा मेरे परिवार को पता होता है, आखिर मेरे बारे में क्या चल रहा है

vijay varma

– मेरे भतीजे, भांजी और फैमिली का ये काम बन चुका है कि वह मेरे बारे में गूगल करते हैं। सभी साइट्स पर नजर रखते हैं। उन्हें मेरे बारे में ज्यादा पता होता है। वो देखते रहते हैं मैं किसके साथ हूं। क्या कर रहा हूं। कौन मेरे बारे में क्या कह रहे है। वो मेरे बारे में हर अपडेट रखते हैं।

आपका बैकग्राउंड फिल्मी नहीं रहा है.. तो कब लगा कि आपको एक्टिंग में करियर बनाना है?

vijay varma

मुझे लगता है कि ये बात है 10वीं क्लास की। 10वीं-11वीं क्लास के समय तीन चार लोगों ने मुझे कहा था कि आप अच्छे दिखते हो, एक्टिंग या मॉडलिंग क्यों नहीं करते। लेकिन मैंने उस बात को सीरियस तब लिया, जब मैंने थिएटर स्कूल ज्वाइन किया। पहले मैंने बीकॉम किया। पहले कोशिश की कहीं और करियर बन जाए। मुझे तो लगता था कि मेरे लिए एक्टर बनना बहुत दूर की बात है। मैं तो बिल्कुल नहीं बन सकता हूं। लेकिन दूसरे जॉब्स करने के बाद मैंने जब थिएटर किया और मुझे लगा कि मैं इस काम को सबसे ज्यादा एन्जॉय कर रहा हूं तो मैंने सीरियसली लेना शुरू किया। मैं फिर पुणे गया और एफटीआईआई से एक्टिंग सीखी। मेरा मानना था कि मैं पहले अपनी फाउंडेशन को स्ट्रॉन्ग करूं। इसीलिए पहले मैंने एक्टिंग के गुर पूरी तरह सीखे और फिर काम ढूंढना और करना शुरू किया।

आपके पिता एक्टिंग करियर के खिलाफ थे तो उस किस्से के बारे में बताइए, जब आप अपने फादर को बिना बताए एक्टिंग स्कूल के लिए निकल गए?
मैं छुप-छुपकर हैदराबाद में थिएटर कर रहा था। मुझे पता था कि मेरे पिताजी कभी नहीं चाहेंगे कि मैं एक्टिंग करूं। खैर पैरेंट्स को सब पता होता है कि आप क्या कर रहे हो। जब उन्हें मेरे थिएटर करने की भनक लगी तो उनको लगा कि शायद ये मेरी हॉबी होगी तो मैं दो-चार दिन करूंगा और फिर छोड़ देगा। मगर मैं माना नहीं, मैंने छुपकर एक्टिंग स्कूल के लिए फॉर्म डाला था। मेरा सिलेक्शन हो गया। मुझे एक्टिंग सीखने के लिए दो साल के लिए जाना था। मैं ये बात अच्छे से जानता था कि पिता तो नहीं मानेंगे, फिर मैंने अपनी मां के साथ प्लान बनाया और मैं घर से भाग गया।

कौन-सी फिल्म आपके करियर की टर्निंग पॉइंट थी?

मुझे लगता है कि मेरे करियर के लिए ‘गली बॉय’ फिल्म टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। ‘गली बॉय’ की रिलीज के बाद जो दरवाजे मेरे लिए बंद थे वो भी खुल गए। तो कुछ दरवाजे हल्के से खुले और लोगों ने मेरी ओर देखना शुरू कर दिया था।

जब ‘पिंक’ के दौरान आप अमिताभ बच्चन से पहली बार मिले तो उस मोमेंट के बारे में कुछ बताइए।

अमिताभ बच्चन के साथ मेरी पहली मुलाकात बहुत यादगार और फनी थी। ‘पिंक’ फिल्म के समय कोर्टरूम का सीन शूट हो रहा था। वह रूम में अपने डायलॉग पढ़ रहे थे। वह इतने लंबे हैं कि दूर से भी दिख जाते हैं कि महानायक खड़े हैं। मैं उनके पास जाने से डर रहा था। मैं काफी देर तक कमरे के बाहर खड़ा रहा। थोड़ी देर बाद अमिताभ सर ही बाहर आए और मेरे ओर हाथ बढ़ाकर कहा कि हेलो मैं हूं अमिताभ बच्चन। मैं ये देखकर हक्का-बक्का रह गया कि ये क्या हो रहा है। उस वक्त मेरे मुंह से थैंक्यू निकल गया। तो इस तरह मेरी मुलाकात बहुत ही फनी रही थी।

आपको लेकर कहा जाता है कि आपकी शक्ल थोड़ी-थोड़ी हॉलीवुड एक्टर जॉनी डेप से मिलती है। इस पर आपका क्या रिएक्शन होता है?

जॉनी डेप बहुत ही स्टाइलिश और दमदार एक्टर हैं। उनके साथ मेरी अक्सर तुलना होती है और मैं तो पॉजिटिव ही लेता हूं। लेकिन सच कहूं तो उनमें और मुझमें एक जैसा कुछ है नहीं। लेकिन अगर लोगों को लगता है तो अच्छा ही है।

विजय वर्मा के साथ NBT का ये रैपिड फायर राउंड

बॉलीवुड में आपका सबसे अच्छा दोस्त कौन है?
जयदीप अहलावत

आपने 3 इडियट्स में किस रोल के लिए ऑडिशन दिया था?
रोल तो याद नहीं है, लेकिन हां मैं ऑडिशन देने गया था। उस वक्त कई लड़कों के ऑडिशन हुए थे।

आपको किस Style की फिल्में करना पसंद हैं?
वॉर या कॉमेडी फिल्म

T से टमैटो सुनकर कौन इमैजिन होता है

स्कूल

कोई ऐसा काम जिस पर पछतावा होता है
नहीं…

कोई ऐसा को-स्टार जिससे आजकल बात नहीं होती.. और मिस करते हैं
ईशान खट्टर



Supply hyperlink

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *