सुपर मॉडल का खिताब पा चुके रजनीश दुग्गल ‘1920’, ‘डेंजरस इश्क’, ‘एक पहेली लीला’, ‘वजह तुम हो’ जैसी कई फिल्मों के अलावा वे टीवी पर ‘खतरों के खिलाड़ी’, ‘आरंभ’ और ‘संजोग’ में भी नजर आए थे। इन दिनों वे चर्चा में हैं ओटीटी की अपनी वेब सीरीज ‘इंस्पेक्टर अविनाश’ से हाल ही में रजनीश एनबीटी के ऑफिस आए थे। एनबीटी के कार्यालय में हुई खास मुलाकात में उन्होंने सीरीज के अलावा अपने करियर के मुश्किल दौर और एक लंबे समय तक वे किसिंग सीन से दूर क्यों रहे, उसका खुलासा करते हैं।

रजनीश इंस्पेक्टर अविनाश में आपके लिए क्या नया रहा?
ये तब की बात है, जब मैं ‘बगावत’ के दलित शंकर का किरदार करके हटा था और उसी जोन में था। मेरी दाढ़ी और बाल बढ़े हुए थे। मुझे पता चला कि इंस्पेक्टर अविनाश में रणदीप हुड्डा के पैरलल रोल अहलावत के लिए कलाकारों को ढूंढा जा रहा है। मैं निर्देशक नीरज पाठक से मिलने गया, तो उन्होंने सबसे पहले यही कहा कि मुझे बाल और दाढ़ी काटनी पड़ेंगे। मैंने अपने बाल और दाढ़ी काटी और मुझे लगा कि मेरा पिछला दलित का रोल जा रहा है और मैं नए किरदार में ढल रहा हूं। यह किरदार मेरे पिछले किरदारों से अलग है, एक नए लुक में हूं मैं।

रणदीप हुड्डा के शीर्षक रोल वाली इस वेब सीरीज को करते हुए कहीं आपको किसी तरह की असुरक्षा महसूस हुई?
नहीं, इसका कारण यही है कि शीर्षक भूमिका में भले रणदीप हुड्डा हों, मगर लेखक-निर्देशक नीरज पाठक ने हर किरदार को खास ढंग से लिखा था। मैं अपने रोल को लेकर संतुष्ट था। मुझे सीरीज में कई ऐसे इंट्रेस्टिंग सीन लगे, जो मुझे लगा कि ये अगर सही ढंग से आ गए, तो एक अदाकार के रूप में मेरे लिए काफी होगा।

फिल्मों और सीरीज में अक्सर पुलिस के दो रंग दिखाए जाते हैं, एक एक्स्ट्रीम करप्ट और दूसरा बेहद ईमानदार।आपका किस तरह के पुलिस से पाला पड़ा है?
मेरे नाना एसपी थे। वे बहुत ही सख्त मिजाज और गुस्से वाले थे। मैं जब एक साल का था, तो वे गुजर गए थे, मगर मैंने मम्मी और मौसी से जितना सुना है, उसके अनुसार वे बहुत ही ईमानदार कॉप थे। जरायमपेशा लोग उनके नाम से कांपते थे, मगर उनका अंत बिलकुल भी अच्छा नहीं हुआ। वे एक परिचित की डेथ पर गए थे। घर में जीप थी, मगर उन्हें बाइक का बहुत शौक था, तो वे बुलेट पर बैठ कर गए। रास्ते में उनके किसी दुश्मन ने उन्हें ट्रक से उड़वा दिया था। जिस वक्त इस हादसे में गुजरे, उनकी उम्र मात्र 60-62 थी। मुझे शुरू से ही पुलिस या आर्मी में जाना था, मगर नाना के दर्दनाक अंत के कारण मेरी मम्मी ने मुझे कभी भी पुलिस में जाने नहीं दिया। आप जब बहुत ईमानदार होते हैं, तो आपको उसकी कीमत तो चुकानी पड़ती ही है।


रजनीश आपके करियर की शुरुआत सुपर मॉडल के रूप में हुई। आपने 1920 जैसी सुपर हिट फिल्म दी, टीवी और ओटीटी पर भी बहुत सारा काम किया, मगर आपके फैंस को लगता है कि आपको अपना ड्यू मिलना बाकी है?
हां, मुझे लगता है कि अभी मेरा बेस्ट आना बाकी है। मुझे लगता है कि मेरे अंदर अभी बहुत कुछ है, जिसे अभी तक एक्सप्लोर नहीं किया गया है। मैं समझता हूं, आज मैं अभिनेता के रूप में भी मच्योर हुआ हूं और बहुत कुछ करने का जज्बा रखता हूं।

एक अदाकार के रूप में आपके लिए सबसे ज्यादा मुश्किल वक्त कौन-सा था?
‘1920’ के समय जब मैंने तीन फिल्मों का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया, तब तक मैं मॉडलिंग में नंबर वन था। उस वक्त मैं हाईएस्ट पेड मॉडल था। मगर जब मैंने फिल्मों में शुरुआत की, तो मैं जानता था कि मुझे जीरो से शुरू करना है। मैंने एक साल के पैसे इकट्ठा किए और मैं फिल्मों में आ गया। मैंने अच्छी -खासी तैयारी भी की। खुशकिस्मती से मेरी पहली फिल्म 1920 सुपरहिट रही। उसके बाद मैंने उन फिल्मों में से बेस्ट को चुना, जो मुझे ऑफर हुई थीं। उस वक्त मुझे गाइड करने वाला भी कोई नहीं था, तो वो फेज तो गुजर ही गया, मगर मैं समझता हूं कि सबसे बुरा दौर वो था, जब मेरे पिता बीमार थे। वे डायलिसिस पर थे और वृंदावन शिफ्ट हो गए थे। मैं उनके बहुत करीब था। 2017-18 का दौर था। वृन्दावन से एक फोन भी आता तो मैं अनिष्ट की आशंका से कांप जाता था। उसी दौरान मैंने श्रीमद भागवत पुराण में श्री कृष्ण की भूमिका भी पिताजी के कारण की थी, मगर फिर पिताजी चल बसे। मैं शूटिंग कर रहा था। बहुत बड़ा सदमा था, मगर मुझे पिता का चौथा करके वापस शूटिंग पर लौटना पड़ा, क्योंकि करोड़ों का सेट लगा था। मां ने मुझे समझाया कि पिता होते, तो वो भी यही चाहते कि मैं काम पर लौटूं।

रजनीश आप एक फैमिली मैन के रूप में जाने जाते हैं। परिवार आपके लिए कितना अहम है?
मैंने जब से काम की शुरुआत की, परिवार मेरे लिए सबसे अहम रहा है। करियर की शुरुआत में मेरी पत्नी पल्लवी मेरी गर्लफ्रेंड हुआ करती थी। जब मैंने शादी की, तो मैं 24 साल का था और मॉडलिंग के टॉप पर था। उस वक्त लोगों ने कहा कि तू अभी बच्चा है, शादी क्यों कर रहा है? तेरी फॉलोइंग कम हो जाएगी। मैंने उसकी परवाह नहीं की। मैं और पल्ल्वी अच्छे दोस्त हैं, साथ ग्रो हुए हैं। जब मैं 20 साल का था, तब से हम साथ हैं और एक-दूसरे की नब्ज पहचानते हैं। वो मेरा सपोर्ट सिस्टम हैं।

ग्लैमर जगत में सेक्सी हीरोइनों के साथ काम करते हुए प्रलोभन नहीं सताता? काजल की कोठरी में रहते हुए दाग से कैसे बचे रहे?
आपको पता है, एक लंबे समय तक मैंने तय किया था कि मैं स्क्रीन पर किस नहीं करूंगा। इसलिए मैंने कई फिल्में मना भी की थीं। मुझे पहली फिल्म मर्डर ऑफर हुई थी, जो मैंने किसिंग और इंटिमेट सीन्स के कारण मना कर दी थी। मैंने खालिद मोहम्मद की एक फिल्म किसिंग सीन के कारण नकार दी थी। बैंड बाजा बारात तक आते-आते पर्दे पर किसिंग काफी कॉमन हो गई थी। ये बंधन मैंने अपनी तरफ से बनाया था कि मैं पर्दे पर किस नहीं करूंगा, हालांकि वे भी नहीं चाहती थीं कि मैं किसिंग सीन करूं। जाहिर-सी बात है कि वो आर्टिस्ट नहीं हैं, तो इस बात को नहीं समझ सकती थीं कि शूटिंग में किसिंग करते हुए सेट पर 50 लोग सामने खड़े होते हैं और ये मेरे आर्ट के लिए है। हालांकि वो बहुत अंडरस्टैंडिंग वाली है। बाद में मैंने ‘वजह तुम हो’, ‘बेईमान लव’, ‘लीला’ जैसी फिल्मों में किसिंग सीन्स किए, मगर फिर मुझे अहसास हुआ कि अगर वो इन बातों से इफेक्ट होती है, जो वो होती थी, तो मुझे नहीं करना उस तरह के सीन। मुझे याद है, वे पूछती थीं, इस फिल्म में है? तो एक लंबे अरसे तक मैंने वो सीन नहीं किए,मगर जब अपने पहले सॉन्ग ‘मोहब्बत बरसा दे”क्रीचर 3 डी’ के लिए किया तो उसमें सीरीज ऑफ किसेज थे और मुझे घर से कहा गया कि एक ही विडियो में तुम इमरान हाशमी बन गए। मैं मानता हूं कि किसिंग सीन से आपको एक अलग तरह की फॉलोविंग भी मिलती है। अब आप ही सोचिए न, जॉन अब्राहम, ब्रैड पिट, टॉम क्रूज जैसे हैंडसम एक्टर्स ये कहें कि पर्दे पर वे वैसे सीन नहीं करेंगे, तो उनकी आधी फॉलोइंग तो कम होगी है, जाहिर-सी बात है एक बड़ा दर्शक वर्ग ऐसे हीरोज को भी देखना चाहता है। तो यह बहुत ही पतली-सी थिन लाइन होती है कि आपको किस स्पेस में जाना है?





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