राजन शाही का पॉपुलर डेली सोप ‘अनुपमा’ पिछले 2 साल से पर्दे पर धमाल मचा रहा है। टीआरपी रेटिंग में भी ये हर हफ्ते टॉप पर छाया ही रहता है लेकिन अब लगता है कि इसे बंद कर देना चाहिए क्योंकि जिस तरह से शुरुआत में इस सीरियल ने लोगों के बीच एक मैसेज फैलाने का काम किया था। वहीं अब ये गलत बातों को तूल देने लगा है। मौजूदा ट्रैक को अगर आप देख रहे होंगे तो उसमें मर्दों को तानाशाह और महिलाओं को सिर्फ अबला, बेबस और लाचार दिखाया जा रहा है। खासकर अनुपमा उर्फ रुपाली गांगुली के किरदार के साथ ये काफी देखने को मिल रहा है। वह मनोरंजन के नाम पर सिर्फ मानसिक प्रताड़ना और घरेलू हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं।

‘अनुपमा’ (Anupama) पहले एक डरा और सहमा-सा किरदार था। जिससे वनराज शाह हमेशा चिढ़ता रहता था क्योंकि वह उसके टाइप की नहीं थी। फिर जब उसने खुद को ग्रूम किया। बेहतर बनाने की कोशिश की और तलाक लेने का फैसला किया तो उसी वनराज शाह को अनुपमा अच्छी लगने लगी। यहां तक के ट्रैक में मेकर्स एक अच्छा मैसेज दे रहे थे कि महिलाएं खुद के पांव पर खड़ी हो सकती हैं और बहुत कुछ करके वह अकेले भी खुशहाल लाइफ जी सकती हैं।

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‘अनुपमा’ के लौट आए हैं दर्द भरे दिन?

लेकिन फिर इसमें महिलाओं पर अत्याचार होते दिखाया जाने लगा। बीच में ही पारितोष का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर दिखाया गया। उसी दौरान किंजल की प्रेग्नेंसी भी आ गई। तोषू भी अपने पापा की राह पर निकल पड़ा है जो कि ये बता रहा था कि बाप और बेटे एक-जैसे ही होते हैं। जबकि इनकी तो लव मैरिज थी। खैर। पत्नी को छोड़ वह अय्याशी तक करने लगा था। मतलब इतना इमोशनल ड्रामा क्रिएट किया गया जिससे दर्शक इस सीरियल से बंधे रहें। वहीं, अब अनुज कपाड़िया भी इसी राह पर जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। उनका माया के साथ ऐसा सीन दिखाया गया, जहां वह अनुपमा से झूठ बोलते हैं या यूं कहें कि वो बात छिपाते हैं। कुल मिलाकर ऐसा लग रहा है कि दर्शक रिपीट टेलीकास्ट देख रहे हैं। बस चेहरा बदल गया है। क्योंकि अब इन सब ओछी हरकतों से वह सिर्फ और सिर्फ TRP कमा रहे हैं लेकिन वो प्यार नहीं जो पहले लोगों के बीच देखा गया था।

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अनुज कपाड़िया भी बन गए हैं वनराज शाह?

सवाल ये है कि लेकिन मेकर्स मैसेज क्या देना चाह रहे हैं? क्या वो ये बताना चाह रहे हैं कि हर मर्द ठरकी होता है? वो अपनी शादीशुदा जीवन से खुश नहीं होता है? हमेशा गलती पत्नी की होती है? महिलाएं ही गलत होती हैं? क्या कुछ भी होगा उसका ठीकरा महिलाओं पर फोड़ दिया जाएगा? क्योंकि Anupamaa को देखकर अब ऐसा ही लगने लगा है। हाल ही में इसी सीरियल का एक प्रोमो भी आया, जिसमें अनुज पत्नी अनुपमा से चिल्लाकर बात करते हैं। अपने दुख का जिम्मेदार उसे ठहराते हैं। साथ ही जोर से दरवाजा भी बंद कर देते हैं। इतना सब होने के बाद अनुपमा की हालत वही हो जाती है, जो वनराज के अत्याचार के बाद होती थी। इतने साल का लीप आने के बावजूद अनुपमा के किरदार में कोई अंतर नहीं दिखा। वह जस की तस बनी हैं।

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मेकर्स के पास नहीं बची कोई नई कहानी

अगर कहानी नहीं बची है तो आप इस शो को बंद करें लेकिन ऐसे अब गंदगी न फैलाएं। यहां गंदगी का मतलब वो नहीं, जो आप सोच रहे हैं। महिलाओं को हमेशा एक कटघरे में खड़े रखना और मर्दों को हमेशा उन पर हावी होना भी हमारे समजा की बड़ी गंदगी है। अनुपमा पढ़ी लिखी नहीं है लेकिन उसके पास दो मजबूत टैलेंट हैं। लगा था शादी के बाद या अनुज के साथ उसकी एक लैविश लाइफ स्टाइल देखने को मिलेगी लेकिन नहीं। परोसा वही जाएगा तो पहले एपिसोड से दिखाया जा रहा है।



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