‘वन फ्राईडे नाइट’ फिल्‍म की कहानी

राम वर्मा, एक मशहूर कंपनी में सी-सूट एग्‍जीक्‍यूटिव है। राम शादीशुदा है, लेकिन उसका निरोशा नाम की लड़की से अफेयर है, जो उम्र में उससे बहुत छोटी है। एक दिन, शहर से दूर बने अपने विला में राम और निरोशा साथ होते हैं। तभी राम एक दुर्घटना का श‍िकार हो जाता है। इस गंभीर स्थिति का सामना कर रही निरोशा को कुछ समझ नहीं आता। वह राम की पत्नी लता से संपर्क करने का फैसला करती है।

कहानी के केंद्र में राम वर्मा (मिलिंद सोमन) का किरदार है। उसकी गर्लफ्रेंड निरोशा (विधि चितालिया) एक डांसर है। नागपुर की यात्रा के बहाने राम अपनी गर्लफ्रेंड निरोशा को अपने विला में ले जाता है। बरसात की रात में राम के घायल और बेहोश होने के बाद निरोशा राम की पत्नी लता (रवीना टंडन) को फोन लगाती है। लता एक डॉक्‍टर है। वह पति को मेडिकल ट्रीटमेंट देने विला पहुंचती है। लेकिन यहां से कहानी, पत्नी और प्रेमिका के लिए युद्ध का मैदान बन जाता है।

‘वन फ्राईडे नाइट’ का ट्रेलर

‘वन फ्राईडे नाइट’ मूवी रिव्‍यू

रवीना टंडन की यह फिल्‍म महज 90 मिनट लंबी है। लेकिन यह वक्‍त भी मुश्‍क‍िल से कटता है। आप फिल्‍म देखते वक्‍त यही प्रार्थना करते हैं कि ये जल्‍दी खत्‍म हो जाए। फिल्मका प्‍लॉट बुरी तरह बोर करता है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि फिल्म की कहानी में बहुत कुछ होने ही क्षमता है, लेकिन दुर्भाग्य से इसे सही तरीके से एग्‍जीक्‍यूट नहीं किया गया है। यही कारण है कि बतौर दर्शक पर्दे पर हो रही घटनाओं से कनेक्‍ट नहीं बनता। तमाम प्रयासों के बावजूद फिल्म जरूरी ड्रामा क्रिएट नहीं कर पाती और इस कारण स्‍क्रीनप्‍ले से नाता टूटता चला जाता है।

बतौर डायरेक्‍टर मनीष गुप्‍ता इस मामले में तारीफ के काबिल हैं कि उन्‍होंने मेलोड्रामा और बॉलीवुड की घिसे-पिटे बातों से दूर रहने का प्रयास किया है। लेकिन फिल्‍म में रोमांच की कमी इसे डुबो देती है। यदि फिल्‍म की कहानी और स्‍क्रीनप्‍ले पर मेहनत की जाती तो यह एक बेहतरीन थ्र‍िलर साबित हो सकती थी।

मूसलाधार बारिश बीच फिल्‍म की शुरुआत एक थ्र‍िलर-ड्रामा की गुंजाइश पैदा करती है। लेकिन मनीष गुप्ता की इसे भुनाने में विफल रहते हैं। इसके अलावा, यह आश्चर्य की बात ये है कि रवीना टंडन ने फिल्म में अपनी आवाज क्यों नहीं दी? दूसरी ओर, मिलिंद सोमन के किरदार का एक्‍सीडेंट होना, निरोशा का दुर्घटना की जगह और घर के अंदर आगे-पीछे भागना, इन सब में बहुत सारा समय बर्बाद होता है। शहर से दूर अलग-थलग बने इस विला और बरसात की रात कहानी का प्‍लॉट अपने-आप में थ्र‍िल पैदा करता है। लेकिन बरसात और रात को कहानी से जोड़ने में कोई मेहनत नहीं दिखती।

रवीना टंडन ने लता का किरदार पूरी संजीदगी से निभाया है। हालांक‍ि, डब की गई आवाज खलती है। मिलिंद सोमन भी अपने किरदार में बड़े अच्‍छे लगे हैं। विधि चितालिया की एक्‍ट‍िंग भी अच्‍छी है। लेकिन वह उन सभी रंगों और भावनाओं को अपने चेहरे पर नहीं समेट सकीं, जिससे उनका किरदार और निखरकर सामने आता। ‘रहस्य’ और ‘सेक्शन 375’ जैसी फिल्‍में बना चुके मनीष गुप्ता से उम्‍मीदें थीं, लेकिन इस बार उन्‍होंने निराश किया है।

क्‍यों देखें- फिल्‍म ओटीटी पर रिलीज हुई है और मुफ्त में देखने के लिए उपलब्‍ध है। यदि देखने के लिए और कुछ अच्‍छा नहीं है, रवीना टंडन और मिलिंद सोमन के फैन हैं तो देख सकते हैं।



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