फीमेल इजैक्यूलेशन और ऑर्गेज्म (Orgasm) तो दूर की बात है। आज भी लोग महिलाओं की सेक्सुअल लाइफ के मुद्दे पर खुलकर बात करने को तैयार नहीं होते हैं। फीमेल सेक्सुएलिटी को लेकर हमारे आस पास कई प्रकार के मिथ्स लोगों के बीच मौजूद है। आपसी बातचीत से कतराने के चलते लोगों में जानकारी की कमी बनी हुई है। अगर आप इस बारे में सोच रहे हैं कि फीमेल इजैक्यूलेशन (female ejaculation )वास्तव में होता है, तो इस लेख का अवश्य पढ़ें। इसमें महिलाओं में होने वाली इस प्रक्रिया पर एक्सर्पट ने अपनी राय रखी है और इससे जुड़ी कई चीजों के बारे में बताया गया है।

लोगों में जागरूकता पैदा करने और इन विषयों पर जानकारी साझी करने के लिए हेल्थशॉटस ने एक्सपर्ट से चर्चा की। इंस्टीट्यूट ऑफ एंड्रोलॉजी एंड सेक्सुअल हेल्थ यानि आईएएसएच के संस्थापक सेक्सोलॉजिस्ट डॉ, चिराग भंडारी से फीमेल इजैक्यूलेशन के बारे में बातचीत की गई।

फीमेल इजैक्युलेशन क्या है

इजैक्यूलेशन को आमतौर पर सेक्स के दौरान फीमेल यूरेथरा से होने वाले एक डिस्चार्ज के रूप में जाना जाता है। इस विषय में जहां लोगों की रूचि रही है, तो वहीं ये मुद्दा विवादों में भी घिरा रहा है। बहुत से एक्सपर्ट ने इस बात को बताया है कि ऑर्गेज्म के दौरान फीमेल प्रोस्टेट से निकलने वाले लिक्विड की प्रक्रिया को महिला इजैक्यूलेशन कहा जाता है।

फीमेल इजैक्यूलेशन महिलाओं को प्लैजर महसूस करवाने लगता है। इससे महिलाएं संतुष्टि का अनुभव करने लगती है। चित्र शटर स्टॉक

लिक्विड डिसचार्ज यूरिन से अलग

सोशल टैबूज़ और लिमिटिड साइंटिफिक रिसर्च के चलते फीमेल इजैक्यूलेशन कभी भी चर्चा का विषय नहीं बन पाया। हाल ही में की गई कुछ स्टडीज़ पर नज़र दौड़ाएं, तो बॉडी की ऐसी कंडीशन के दौरान बहुत सी महिलाओं के एक्सपीरिएंस अलग अलग रहे। महिलाओं को सुना गया और उस पर रोशनी भी डाली गई। इस समय होने वाले लिक्विड डिसचार्ज यूरिन से अलग होते हैं। इस लिक्विड में प्रोस्टेटिक स्पेसिफिक एंटीजन पाया गया है जो मेल सीमन में भी पाया जाता है। डॉ भंडारी के मुताबिक इससे इस बात की जानकारी मिलती है कि फीमेल इजैक्यूलेशन में मेल प्रोस्टेट की तरह ही स्केन की ग्रंथियों से तरल पदार्थ का डिस्चार्ज होता है।

क्या फीमेल इजैक्युलेशन भी ऑर्गेज्म की ही तरह है

इस बात को समझना होगा कि इसकी तुलना फीमेल ऑर्गेज्म से नहीं की जा सकती है। दरअस,, महिलाएं इजैक्यूलेशन के बगैर भी बहुत बार ऑर्गेज्म को एक्सपीरिएंस कर सकती हैं। इसमें कोई दोराय नहीं कि फीमेल इजैक्यूलेशन महिलाओं को प्लैजर महसूस करवाने लगता है। इससे महिलाएं संतुष्टि का अनुभव करने लगती है। ऐसा करने से शरीर में हैप्पी हार्मोंस भी रिलीज़ होते हैं।

फीमेल इजैक्यूलेशन एबनॉर्मल नहीं है

सेक्सुएलिटी को लेकर लोगों की गलत और झूठी मान्यताओं को सिरे से खारिज़ करने के लिए इस विषय पर जानकारी जुटानी बेहद ज़रूरी है। इसके लिए आपका ओपन मांइडिड होना आवश्यक है, ताकि आप इस समस्या की गहराई तक पहुंच सकें। डॉ भंडारी कहते हैं कि ये प्रक्रिया सेक्स के दौरान होना सामान्य और नेचुरल सी बात है। इसे लेकर मन में किसी प्रकार की गलत धारणाओं को पनपने से रोकना चाहिए।

Female ejaculation
इजैक्यूलेशन के दौरान सभी महिलाओं अनुभव एक दूसरे से अलग रहा है। चित्र : शटरस्टॉक

फीमेल इजैक्यूलेशन पर बातचीत ज़रूरी

ऐसा माना गया है कि इजैक्यूलेशन के दौरान सभी महिलाओं अनुभव एक दूसरे से अलग रहा है। जहां कुछ इसे डीपली महसूस नहीं कर पाती हैं, तो कुछ को इससे प्लेजर की प्राप्ति होती है। इस बात को भी मानना ज़रूरी है कि सभी महिलाएं इजैक्यूलेशन नहीं करती है और इसे प्लैजर का एक ज़रिया मान लेना भी पूरी तरह से गलत है। इजैक्यूलेशन की पूरी प्रक्रिया और चरणों की जानकारी हासिल करने के लिए रिसर्च की आवश्यकता है।

इसके ज़रिए महिलाओं की सेक्सुअल लाइफ से जुड़ी कई अहम जानकारियों का पता लगाया जा सकता है। आवश्यकता है। इस विषय पर खुली बातचीत और एजुकेशन की। इससे महिलाएं अपने यौन संबधों के दौरान होने वाले बदलावों और अनुभवों को साझा कर सकती है।

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