पूरे शरीर में अंतःस्रावी ग्रंथियां यानी एंडोक्राइन ग्लैंड्स मौजूद होते हैं। ये हार्मोन का उत्पादन करते हैं, जो सर्कुलेटरी सिस्टम में रिलीज होती हैं। यहां ये ग्लैंड्स सिग्नलिंग अणुओं के रूप में कार्य करते हैं। मानव शरीर स्वस्थ एंडोक्राइन ग्लैंड्स के हार्मोन पर निर्भर है, जो ग्रोथ, प्रजनन क्षमता और प्रजनन जैसी कई जैविक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है। हार्मोन बेहद कम मात्रा में कार्य करते हैं। इनके स्तर में मामूली दिक्कत आने पर डेवलपमेंट प्रभावित हो सकता है। एंडोक्राइन-डिसरप्ट करने पर कई स्वास्थ्य समस्याएं (side effects of harmful chemicals) हो सकती हैं।


क्या है एंडोक्राइन डिसरप्टर (Endocrine Disruptor)

एंडोक्राइन- डिसरप्टर एक केमिकल है, जो डेली लाइफ में इस्तेमाल किये जाने वाले प्रोडक्ट में पाए जाते हैं। इनमें कुछ ब्यूटी प्रोडक्ट, फ़ूड और ड्रिंक पैकेजिंग, खिलौने, कालीन और कीटनाशक ( pesticides) भी शामिल हैं। कुछ रसायन फ्लेम रिटारडेंट के रूप में कार्य करते हैं, जो एंडोक्राइन-डिसरप्टर भी हो सकते हैं। इन केमिकल का संपर्क हवा, आहार, त्वचा और पानी के माध्यम से हो सकता है। इसे पूरी तरह से टाला या हटाया नहीं जा सकता। एंडोक्राइन-डिसरप्टर के किसी भी संभावित स्वास्थ्य प्रभाव के जोखिम को कम करने के लिए कुछ विकल्प का चुनाव किया जा सकता है।

केमिकल जो एंडोक्राइन डिसरप्टर की वजह बन सकते हैं

दुनिया में लगभग 85,000 मानव निर्मित रसायन हैं। उनमें से 1,000 या अधिक अपने अद्वितीय गुणों के आधार पर एंडोक्राइन डिसरप्टर हो सकते हैं। यहां हैं कुछ केमिकल जो एंडोक्राइन डिसरप्टर का काम कर सकते हैं।

1 एट्राज़िन : दुनिया में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले हर्बिसाइड में से एक है एट्राज़िन। इसका उपयोग अक्सर मकई, ज्वार और गन्ने की फसलों में वीड्स को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।

बिस्फेनॉल ए : बिस्फेनॉल ए का उपयोग पॉलीकार्बोनेट प्लास्टिक और एपॉक्सी रेजिन बनाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग मेनूफैक्चरिंग, फ़ूड पैकेजिंग, टॉयज और अन्य कामों में किया जाता है। बिस्फेनॉल ए रेजिन कुछ पैकेज्ड फ़ूड और ड्रिंक की परत में पाए जा सकते हैं।

डाइऑक्सिन : यह कुछ मेनूफैक्चरिंग प्रक्रियाओं में पाए जाते हैं। यह हर्बिसाइड और पेपर ब्लीचिंग में पाया जाता है। जब वेस्टेज जलाई जाती है या कहीं आग लगती है, तो यह केमिकल हवा में निकल सकता है।

कई और हैं केमिकल 

परक्लोरेट : यह एक रंगहीन नमक है, जिसे रॉकेट, विस्फोटक और आतिशबाजी बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह केमिकल जमीन के अंदर के पानी में पाया जा सकता है।

फ़थलेट्स : फ़थलेट्स फ्लूइड प्लास्टिसाइज़र के रूप में उपयोग किए जाने वाले यौगिकों का एक बड़ा समूह है। वे कुछ फ़ूड पैकेजिंग, सौंदर्य प्रसाधन, सुगंध वाले प्रोडक्ट, बच्चों के खिलौने और चिकित्सा उपकरण (side effects of harmful chemicals) में पाए जाते हैं। सौंदर्य प्रसाधनों ख़ास कर नेल पॉलिश, हेयर स्प्रे, आफ्टरशेव लोशन, क्लींजर और शैम्पू में भी ये पाए जाते हैं।

सौंदर्य प्रसाधनों ख़ास कर नेल पॉलिश, हेयर स्प्रे, आफ्टरशेव लोशन, क्लींजर और शैम्पू में भी केमिकल पाए जाते हैं। चित्र : शटरस्टॉक

फाइटोएस्ट्रोजेन : प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थ हैं फाइटोएस्ट्रोजेन, जिनमें कुछ पौधों में हार्मोन जैसी गतिविधि पाई जाती है। इनका प्रभाव शरीर द्वारा प्रोडूस एस्ट्रोजन (endocrine disruptor causes health problems) के समान हो सकता है। उदाहरण के लिए सोया खाद्य पदार्थों में फाइटोएस्ट्रोजेन होते हैं


पॉलीक्लोराइनेटेड बाइफिनाइल्स : इसका उपयोग बिजली के उपकरण, जैसे ट्रांसफार्मर बनाने के लिए किया जाता था। हाइड्रोलिक फ्लूइड लयूब्रीकेंट और प्लास्टिसाइज़र में पाए जाते हैं। 1979 में प्रतिबंधित होने तक पीसीबी का वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर उत्पादन किया गया था। ट्राइक्लोसन एक घटक है, जिसे पहले कुछ रोगाणुरोधी और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों जैसे बॉडी वॉश और साबुन में एड किया जाता था

क्या हो सकता है एंडोक्राइन डिसरप्टर से बचाव का तरीका (Prevention from Endocrine Disruptor)

एंडोक्राइन डिसरप्टर केमिकल की कम खुराक भी असुरक्षित (side effects of harmful chemicals) हो सकती है। शरीर की सामान्य एंडोक्राइन कार्यप्रणाली में हार्मोन लेवल में बहुत छोटे परिवर्तन होते हैं, लेकिन ये छोटे परिवर्तन भी महत्वपूर्ण विकासात्मक और बायोलोजिकल प्रभाव (endocrine disruptor causes health problems) पैदा कर सकते हैं।

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बचाव के लिए केमिकल के संपर्क में आने पर अपने हाथ धोएं। चित्र : शटरस्टॉक

इससे स्वास्थ्य समस्याओं का जन्म हो सकता है। इससे बचाव के लिए केमिकल के संपर्क में आने पर अपने हाथ धोएं। धूल और वैक्यूम से बचाव किया जा सकता है। केमिकल सुगंध से दूर रहें। प्लास्टिक के प्रयोग से पहले दो बार सोचें। प्रोसेस्ड फ़ूड को नहीं कहें। नल के पानी को फ़िल्टर करें। बच्चों को सौंदर्य प्रसाधनों से दूर रखें।

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