हर साल 180 दिन और 40 दिनों की यात्रा करते हैं श्री श्री रवि शंकर, जानिए इनसे जुड़ी जरूरी बातें

ByTeam Multiadda

Sep 13, 2023 , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , ,


Sri Sri Ravi Shankar: गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्वभर में आध्यात्मिक और मानववादी गुरु के रूप में प्रसिद्ध हैं. हिंसामुक्त और तनावमुक्त समाज की स्थापना के लिए श्री श्री ने एक अभूतपूर्व विश्वव्यापी आंदोलन चलाया है. जानते हैं गुरुदेव श्री श्री के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें.

श्री श्री रवि शंकर का जीवन परिचय (Sri Sri Ravi Shankar Biography)

श्री श्री रवि शंकर का जन्म 13 मई 1956 में दक्षिण भारत में हुआ. वे बचपन से ही प्रतिभावान बालक थे. केवल चार वर्ष की आयु में ही वे संस्कृत में लिखे प्राचीन धर्मग्रंथ भागवत गीता का व्याख्यान करते थे. आध्यात्मिक ज्ञान होने के साथ ही श्री श्री ने वैदिक साहित्य और भौतिक विज्ञान की डिग्री प्राप्त की.

सुदर्शन क्रिया (Sudarshan Kriya)

1982 में गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर भारत के कर्नाटक में स्थित, शिमोगा में 10 दिनों के लिए मौन में चले गए और इसके बाद सुदर्शन क्रिया का जन्म हुआ, जोकि एक शक्तिशाली श्‍वास (सांस) तकनीक है. बाद में सुदर्शन क्रिया आर्ट ऑफ लिविंग (Artwork of Residing) के पाठ्यक्रमों का केंद्र बिंदु बना. आपको बता दें कि, सुदर्शन क्रिया एक ऐसा योगासन है जिसमें धीमी और तेज गति से सांस अंदर-बाहर की जाती है. सही विधि से नियमित रूप से इस क्रिया को करने से सांसों पर पूरी तरह नियंत्रण पाया जा सकता है. इससे इम्यून सिस्टम बेहतर होता है और मानसिक बीमारियां दूर रहती है.

साल में 180 दिन और 40 देशों की करते हैं यात्रा

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर हर साल करीब 180 दिन यात्रा में रहते हैं और इस दौरान वे 40 देशों की यात्रा करते हैं. वे भारत समेत अन्य देशों में शांति बनाए रखने के लिए कार्य करते हैं. श्री श्री को सात भाषाओं का ज्ञान प्राप्त है. इसी के साथ वे शास्त्रीय संगीत के भी विशेषज्ञ हैं और वीणा बजाने में माहिर हैं.

श्री श्री रवि शंकर से जुड़ी जरूरी बातें

  • 20 से ज्यादा अमेरिकी और कैनेडियन शहरों की लीग में डेट्रॉइट के मेयर ने 7 जुलाई को श्री श्री रविशंकर दिवस घोषित किया है. हर साल 7 जुलाई को इन स्थानों पर श्री श्री रविशंकर दिवस मनाया जाता है.
  • उल्फ जैसे अन्य संगठनों के करीब 700 पूर्व आतंकवादी गुरुदेव श्री श्री के बैंगलुरु आश्रम पहुंचे. यहां करीब एक महीने तक इन सभी लोगों को व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण दिया गया, जिससे कि इन पूर्व आतंकवादियों का पुनर्वास हो सके.
  • इतना ही नहीं गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर पहले ऐसे आध्यात्मिक गरु हैं, जिन्हें इराक से आमंत्रण प्राप्त हुआ और वे अब तक तीन बार इराक दौरे पर जा चुके हैं.
  • देशभर की 49 सूखी हुई नदियों के पुनरुत्थान के लिए भी श्री श्री काम कर रहे हैं और इससे 12 हजार से अधिक गांवों को लाभ मिला है.
  • गुरुदेव श्री श्री अपनी संस्थाओं के माध्यम से 22 राज्यों को शून्य लागत पर खेती के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं, जिससे 22 लाख से अधिक किसानों को लाभ हो रहा है.

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