Kishore Biyani: भारी कर्ज के चलते दिवालिया होने की कगार पर खड़े फ्यूचर ग्रुप (Future Group) को दीवाली गिफ्ट मिला है. स्टील ट्यूब और पाइप बनाने वाली दिग्गज कंपनी जिंदल ग्रुप (Jindal Group) ने किशोर बियानी (Kishore Biyani) के नेतृत्व वाले फ्यूचर ग्रुप को बचाने के लिए एक प्रस्ताव दिया है. यह प्रस्ताव शुक्रवार को आया. अब लिक्विडेशन प्रक्रिया शुरू कर चुके फ्यूचर ग्रुप के पास सिर्फ यही एक प्रस्ताव है. कर्जदाताओं ने स्पेस मंत्रा (Area Mantra) का प्रस्ताव खारिज कर बियानी की मुसीबतें बढ़ा दी थीं. 

आठ महीने से समाधान तलाश रही कंपनी 

कर्ज में डूबी फ्यूचर रिटेल आठ महीने से खुद को बचाने के रास्ते तलाश रही है. कंपनी को सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Financial institution of India) और सेंटबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज के नेतृत्व वाले कर्जदाताओं के 12,265 करोड़ रुपये देने हैं. कंपनी पर कुल कर्ज लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का है. अब जिंदल के प्रस्ताव पर यह समूह विचार कर अंतिम फैसला लेगा. अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि जिंदल समूह ने फ्यूचर ग्रुप के लिए कितने रुपये की बोली लगाई है. हालांकि, इस महीने के आखिर तक कर्जदाताओं का समूह इस बोली पर फैसला सुना देगा.  

शेयर बाजार को दी थी लिक्विडेशन प्रक्रिया की जानकारी

कंस्ट्रक्शन मैटेरियल कंपनी स्पेस मंत्रा का प्रस्ताव विफल होने के बाद फ्यूचर रिटेल की समाधान प्रक्रिया की देखरेख कर रहे विजय कुमार अय्यर ने शेयर बाजार को लिक्विडेशन प्रक्रिया की जानकारी दी थी. स्पेस मंत्रा ने 553 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाई थी. इससे कर्जदाताओं का सिर्फ 2.73 फीसद रकम ही बाहर आ पा रही थी. रिलायंस रिटेल से डील टूटने के बाद से ही फ्यूचर ग्रुप समस्याओं में फंस गया था. 

कोविड-19 में हुआ 7000 करोड़ रुपये का नुकसान 

हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में रिटेल का राजा (Retail King) कहे जाने वाले किशोर बियानी ने कहा था कि कोविड-19 (Covid-19) के दौरान सिर्फ 3 महीने में कंपनी ने 7000 करोड़ रुपये का बिजनेस खोया. उन्होंने कहा था कि कंपनी सही रास्ते पर आगे बढ़ रही थी. लेकिन, कोविड-19 के बाद सब कुछ बहुत तेजी से खराब हुआ. इसके बाद वापसी का रास्ता बहुत मुश्किल हो गया.

फ्यूचर जेनराली में है जिंदल ग्रुप को इंट्रेस्ट 

सूत्रों के अनुसार, फ्यूचर ग्रुप की जनरल इंश्योरेंस कंपनी फ्यूचर जेनराली (Future Generali) में जिंदल समूह को संभावनाएं दिखती हैं. यह फ्यूचर ग्रुप और इटली की ऐसीकुराजिओनी जेनराली (Assicurazioni Generali) का जॉइंट वेंचर है. इस डील के चलते कर्जदाताओं को 1226 करोड़ रुपये मिल गए थे.  

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