How To Save Earnings Tax: आम तौर पर लोग टैक्स बचाने (Tax Saving) के उपाय पहले ही कर लेते हैं, लेकिन सभी इस मामले में बराबर जागरूक नहीं होते हैं. बहुत सारे लोग इसे भी टालते रहते हैं और इसी में समय निकल जाता है, जिसका खामियाजा टैक्स भरकर चुकाते हैं. ईमानदारी से टैक्स भरना हर नागरिक के लिए महत्वपूर्ण कर्तव्य है, लेकिन अपनी वित्तीय सेहत के लिए टैक्स बचाने के वैध उपायों को अमल में लाना भी जरूरी है. अगर आपने भी अभी तक इसे टाला हुआ है, तो अब सावधान हो जाइए, क्योंकि टैक्स बचाने के विभिन्न उपायों की डेडलाइन बहुत करीब है.

आधार-पैन लिंक

मार्च महीना लगभग आधा बीत चुका है और इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के समाप्त होने में अब चंद दिन बचे हैं. वित्त वर्ष समाप्त होते ही कई चीजों के नियम बदल जाएंगे. इनमें सबसे जरूरी बदलाव है पैन और आधार को लिंक करने को लेकर. पैन और आधार को लिंक करने की डेडलाइन 31 मार्च है. अगर आप डेडलाइन से पहले इन्हें लिंक नहीं करते हैं तो आपका पैन काम करना बंद कर देगा. डेडलाइन के बाद इसके लिए आपको 10 हजार रुपये का जुर्माना भी देना होगा.

एडवांस इनकम टैक्स

एडवांस टैक्स की आखिरी किस्त भरने की आखिरी तारीख भी नजदीक है. आपको 15 मार्च 2023 तक एडवांस टैक्स की अंतिम व चौथी किस्त का भुगतान कर देना है. अगर एडवांस टैक्स भरने वाली श्रेणी में आने वाले करदाता डेडलाइन से पहले इसका भुगतान नहीं करते हैं, तो उन्हें जुर्माना देना पड़ सकता है. हर वैसे करदाता, जिनकी एक वित्त वर्ष में टैक्स देनदारी 10 हजार रुपये या उससे ज्यादा बनती है, उन्हें एडवांस टैक्स चुकाना होता है.

एडवांस टैक्स को चार किस्तों में जमा करना होता है. पहली किस्त 15 जून तक, दूसरी 15 सितंबर तक, तीसरी किस्त 15 दिसंबर तक और आखिरी किस्त 15 मार्च तक जमा करनी होती है. टोटल टैक्स का 15 फीसदी आपको 15 जून तक एडवांस टैक्स के तौर पर जमा करना पड़ता है. इसके बाद 15 सितंबर तक 45 फीसदी, 15 दिसंबर तक 75 फीसदी और 15 मार्च तक 100 फीसदी टैक्स भरना होता है. अगर आपने अभी तक एडवांस टैक्स की कोई किस्त नहीं जमा की है, तो आप इसे 31 मार्च तक कर सकते हैं.

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टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट

टैक्स बचाने के लिए लोग कई तरह के इन्वेस्टमेंट करते हैं. टैक्सपेयर्स को इसका सबूत भी जमा करना पड़ता है. हालांकि अब भी आप इन्वेस्टमेंट कर इनकम टैक्स रिटर्न में रिफंड क्लेम कर सकते हैं. इसके लिए आपको 31 मार्च से पहले वैध साधनों में इन्वेस्ट करना होगा. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के डिडक्शन का फायदा उठाया जा सकता है.

अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न

फाइनेंस एक्ट, 2022 में नई इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग की सुविधा दी गई है, जिसका नाम अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) है. इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139 में एक नया सब-सेक्शन 8(A) जोड़ा गया है. यदि आपके पुराने ITR में किसी तरह की चूक या गलती है या फिर कोई ऐसी इनकम है, जो आप दिखाना भूल गए थे तो अपडेटेड रिटर्न (Up to date Return) का रास्ता चुन सकते हैं. इसके अलावा, अगर आपने पहले रिटर्न नहीं भरा है तो भी आप अपडेटेड रिटर्न का इस्तेमाल कर सकते हैं. संबंधित असेसमेंट ईयर की समाप्ति से दो साल तक अपडेटेड रिटर्न भरा जा सकता है. यानी आपके पास पिछले दो साल के लिए अपडेटेड रिटर्न भरने का समय 31 मार्च तक ही है.

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