Picture:REUTERS आरबीआई खास तौर से छोटे पर्सनल लोन में बढ़ोतरी से चिंतित था।

आने वाले दिनों में पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना काफी महंगा पड़ने वाला है। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) ने बीते गुरुवार को पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड के मानदंडों को बेहद सख्त कर दिया है। इससे लोन ग्रोथ के धीमे होने का खतरा बढ़ गया है। हाई कैपिटल जरूरतों के रूप में सख्त नियम, ऐसे लोन को महंगा बना देंगे और इन कैटेगरी में ग्रोथ पर अंकुश लगने की संभावना है, जो पिछले साल के दौरान लगभग 15 प्रतिशत की इंटीग्रेटेड बैंक लोन ग्रोथ से आगे निकल गई है।

होम, एजुकेशन और ऑटो लोन पर नहीं कोई असर

खबर के मुताबिक, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों और गैर-बैंक वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए जोखिम भार, या बैंकों को हर लोन के लिए अलग से रखी जाने वाली पूंजी को खुदरा लोन पर 25 प्रतिशत अंक से बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है। रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, आरबीआई ने कहा कि नया जोखिम भार बैंकों के लिए पर्सनल लोन और एनबीएफसी के लिए खुदरा लोन पर लागू होगा। हालांकि इसमें होम, एजुकेशन और ऑटो लोन के साथ-साथ सोने और सोने के आभूषणों द्वारा सुरक्षित लोन को बाहर रखा जाएगा।

ऐसे लोन कम आकर्षक हो जाएंगे

ब्रोकरेज फर्म सिस्टेमैटिक्स रिसर्च में इक्विटी के सह-प्रमुख धनंजय सिन्हा ने कहा कि अगर बैंक यानी ऋणदाता लागत का भार अपने ऊपर डालते हैं तो हाई कैपिटल जरूरत इन कर्जों को और ज्यादा महंगा बना देगी। उन्होंने कहा कि अगर बैंक लागत का भार अपने ऊपर नहीं डालने का फैसला लेते हैं, तो हाई कैपिटल जरूरतों से मार्जिन कम हो जाएगा और ऐसे लोन कम आकर्षक हो जाएंगे। यानी किसी भी तरह से, लोन ग्रोथ धीमी हो जाएगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले महीने कहा था कि केंद्रीय बैंक तनाव के संकेतों के लिए तेजी से बढ़ती कुछ पर्सनल लोन कैटेगरी की बारीकी से निगरानी कर रहा है।

छोटे पर्सनल लोन में बढ़ोतरी से चिंतित है आरबीआई

खबर में कहा गया है कि आरबीआई खास तौर से छोटे पर्सनल लोन में बढ़ोतरी से चिंतित था और ऐसे उधारों के लिए सख्त नियमों पर विचार कर रहा था। केंद्रीय बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि 22 सितंबर, 2023 तक असुरक्षित पर्सनल लोन एक साल पहले की तुलना में 23 प्रतिशत बढ़ गया, जबकि क्रेडिट कार्ड पर बकाया राशि लगभग 30 प्रतिशत बढ़ गई। इस महीने की शुरुआत में क्रेडिट ब्यूरो ट्रांसयूनियन सीआईबीआईएल द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि 90 दिनों से ज्यादा समय से बकाया लोन के रूप में परिभाषित चूक, सभी पर्सनल लोन के लिए 0.84 प्रतिशत थी।

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