Picture:FILE बीएसई

देश के प्रमुख शेयर बाजार बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) तेजी के दौर में बृहस्पतिवार को अपने अबतक के उच्चतम स्तर 319.10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स 385.04 अंक यानी 0.58 प्रतिशत की बढ़त के साथ 66,265.56 अंक पर बंद हुआ। यह शेयर बाजार में तेजी का लगातार पांचवां कारोबारी सत्र रहा। तेजी के इस दौर में सेंसेक्स कुल 1,434.15 अंक यानी 2.21 प्रतिशत तक उछल चुका है। इस दौरान बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण भी 9.50 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया। इसके साथ ही इन कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण बढ़कर 3,19,10,019.04 करोड़ रुपये हो गया। बीएसई की मझोली एवं छोटे आकार की कंपनियों में भी तेजी देखी गई है। बृहस्पतिवार को बीएसई का मिडकैप सूचकांक 0.79 प्रतिशत चढ़ गया। स्मॉलकैप सूचकांक में 0.40 प्रतिशत की बढ़त रही। बाजार में तेजी जारी रहने से निवेशकों की बंपर कमाई हुई है। 

शॉर्ट कवरिंग के कारण 5वें दिन तेजी 

निफ्टी लगातार पांचवें दिन 116 अंक (+0.6 प्रतिशत) की बढ़त के साथ 19,727 के स्तर पर बंद हुआ। कमजोर वैश्विक संकेतों के बावजूद साप्ताहिक समाप्ति के दिन शॉर्ट कवरिंग के कारण दूसरी छमाही में बाजार में सुधार हुआ। यह जानकारी मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने दी। उन्‍होंने कहा कि व्यापक बाजार भी मिडकैप100/स्मॉलकैप100 में 0.8 प्रतिशत/0.5 प्रतिशत की बढ़त के साथ हरे निशान में समाप्त हुआ। बैंकिंग और रियल्टी 1 प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ प्रमुख चालक रहे। निफ्टी ने शुरुआती गिरावट को उलट दिया और 7 सितंबर को पांचवें सत्र में बढ़त के साथ बंद हुआ।

शिपिंग और रक्षा शेयरों में देखी जा रही दिलचस्पी

बड़े ऑर्डर मिलने और मजबूत ऑर्डर बुक होने के कारण शिपिंग और रक्षा शेयरों जैसे प्रमुख क्षेत्रों में खरीदारी में रुचि देखी जा रही है। यह बात मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने गुरुवार को कही।  मुख्य काउंटरों में बढ़त के कारण जहाज निर्माण स्टॉक फोकस में थे। कोचीन शिपयार्ड 20 फीसदी के ऊपरी सर्किट पर था, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स 10 फीसदी ऊपर था, जबकि मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स 9 फीसदी ऊपर था। कागज और चीनी शेयरों में तेजी जारी रही। निफ्टी ने सितंबर में अब तक अच्छी गति दिखाई है और यह अपने जीवन के उच्चतम स्तर के करीब पहुंच रहा है, जहां इसे कुछ प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है। 

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